चाहत दिल सांसों धड़कन से निकली निःशब्द निस्वार्थ आवाज़।। चाहत दिल सांसों धड़कन से निकली निःशब्द निस्वार्थ आवाज़।।
प्रेमिका से प्रेम तो सब करते हैं कभी बिना प्रेमिका के प्रेम करके देख लो। प्रेमिका से प्रेम तो सब करते हैं कभी बिना प्रेमिका के प्रेम करके देख लो।
इसीलिए काम करो, कुछ काम करो जग में रहकर कुछ नाम करो। इसीलिए काम करो, कुछ काम करो जग में रहकर कुछ नाम करो।
पिया पुकारे द्वार संग हैं पिया पुकारे द्वार संग हैं
अपने कर्मयोग से सबको छू जाती... ऐसी थी सरोजिनी...!!!" अपने कर्मयोग से सबको छू जाती... ऐसी थी सरोजिनी...!!!"
कर्म ही जीवन, कर्म ही पूजा कर्मसे बढकर कोई न दुजा!! तू ही ईश्वर, तू ही मसीहा ज्ञान का सागर, तुम... कर्म ही जीवन, कर्म ही पूजा कर्मसे बढकर कोई न दुजा!! तू ही ईश्वर, तू ही मसीहा...